Originally posted 2018-01-04 15:34:09.
Hello Biology Lovers, आज के हमारे ब्लॉग का शीर्षक है अनुवादन, रूपांतरण, प्रोटीन संश्लेषण – (Translation in Hindi )
अनुवादन (Translation)
अनुवादन वह प्रक्रिया है। जिसमें mRNA पर उपस्थित का उपयोग करके
Originally posted 2018-01-04 15:34:09.
Hello Biology Lovers, आज के हमारे ब्लॉग का शीर्षक है अनुवादन, रूपांतरण, प्रोटीन संश्लेषण – (Translation in Hindi )
अनुवादन वह प्रक्रिया है। जिसमें mRNA पर उपस्थित का उपयोग करके
इसकी प्रक्रिया निम्न चरणों में संपन्न होती है-
जीवद्रव्य में एमिनो एसाइल सिंथेटेज (Aminoacyl Synthetase) एंजाइम की उपस्थिति में एक अमीनो अम्ल ATP से जुड़ता है। इस अभिक्रिया में Mg2+ सहायता करता है। इस अभिक्रिया के फलस्वरुप एमिनो एसाइल एडीनाइलेट सम्मिश्र (Aminoacyl Adynylate Complex)का निर्माण होता है।
Amino Acid + ATP —-> Aminoacyl Adynylate Complex
एमिनो एसाइल एडीनाइलेट सम्मिश्र (Aminoacyl Adynylate Complex) एक विशिष्ट प्रकार के tRNA के साथ जुड़ती है। जिससे आवेशित tRNA (Charged tRNA) का निर्माण होता है। और AMP का निष्कासन होता है। अमीनो अम्ल tRNA के 3’ सिरे पर उपस्थित CCA अनुक्रम से जुड़ता है।
Aminoacyl Adynylate Complex + tRNA —–> Activated tRNA + AMP + Aminoacyl synthetase
अनुवादन के आरंभन के लिए राइबोसोम की छोटी इकाई पर उपस्थित प्रारंभिक कोडोन AUG की पहचान करके
(Translation in Hindi ) अनुवादन, रूपांतरण, प्रोटीन संश्लेषण – अनुवादन, रूपांतरण, प्रोटीन संश्लेषण – (Translation in Hindi )
P- स्थल के tRNA पर उपस्थित अमीनो अम्ल का स्थानांतरण A-स्थल में उपस्थित tRNA पर हो जाता है। जब राइबोसोम mRNA पर 5’-3’ दिशा में गति करता है। तो P-स्थल में उपस्थित अनावेशित (Uncharged) tRNA E-स्थल में आ जाता है। और A-स्थल का tRNA P-स्थल में आ जाता है। इसी प्रकार A-स्थल में नया आवेशित tRNA प्रवेश करता है। और E-स्थल में उपस्थित अनावेशित tRNA राइबोसोम से बाहर निकल जाता है। यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। इस प्रकार एक नए
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जब राइबोसोम mRNA पर गति करता हुआ समापक (Stop) कोडोन (UAG,UGA,UAA) पर पहुंचता है। तो राइबोसोम के A-स्थल में कोई tRNA प्रवेश नहीं करता। जिसके कारण अनुवादन की प्रक्रिया समाप्त हो जाती है। जैसे ही अनुवादन की प्रक्रिया समाप्त होती है। पॉलीपेप्टाइड श्रृंखला मुक्त हो जाती है और mRNA तथा राइबोसोम पृथक हो जाते है।
अनुवादन, रूपांतरण, प्रोटीन संश्लेषण – (Translation in Hindi )
इनको अनुवादन कारक भी कहा जाता है। ये तीन प्रकार के होते है –
ये तीन प्रकार के होते है –
IF-1 – ये IF-3 के बंधने में सहायता करता है।
IF-2 – ये 30S उप-इकाई के साथ GTP तथा tRNA को जोड़ता है।
IF-3 – ये 30S उप-इकाई से जुड़ता है और समय से पूर्व 50S उप-इकाई को जोड़ने से रोकता है।
ये तीन प्रकार के होते है –
EF-Tu – GTP तथा एमिनो एसाइल-tRNA को जोड़ता है।
EF-Ts – EF-Tu से GTP को अलग करता है।
EF-G – Translocation को बढ़ावा देता है।
ये चार प्रकार के होते है –
RF-1 – UAA और UAG की पहचान करता है।
RF-2 – UAA और UGA की पहचान करता है।
RF-3 – RF-1 तथा RF-2 की सहायता करता है।
RRF – EF-G के साथ मिलकर राइबोसोम की दोनों इकाईयों को अलग करता है।
निम्न एंटीबायोटिक द्वारा अनुवादन की प्रक्रिया को रोका जाता है-
Chloramphenicol
Streptomycin
Puromycin
Tertacycline
Paromomycin
Fusidic Acids
Erythromycin
Cycloheximide
Diphtheria toxin
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