Originally posted 2017-12-19 20:53:59.
Hello Biology Lovers, आज के हमारे ब्लॉग का शीर्षक है अमीनो अम्ल सामान्य परिचय एवं संरचना (Amino Acids introduction and structure)
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Hello Biology Lovers, आज के हमारे ब्लॉग का शीर्षक है अमीनो अम्ल सामान्य परिचय एवं संरचना (Amino Acids introduction and structure)
अमीनो अम्ल में केंद्रीय कार्बन परमाणु चार अन्य समूहों से जुड़ा हुआ होता है। जो हाइड्रोजन (H) अमीनोसमूह (-NH2) कार्बोक्सिलिक समूह (-COOH) तथा अतिरिक्त श्रंखला (R) (Side Chain) है।
अमीनो अम्ल में जिस केंद्रीय कार्बन परमाणु चार अन्य समूह जुड़े होते है। उसे α-कार्बन कहते है। सभी अमीनो अम्ल में α-कार्बन कीरेल कार्बन (Chiral Carbon) होता है। लेकिन ग्लाइसीन में α-कार्बन कीरेल कार्बन (Chiral Carbon) नहीं होता ग्लाइसीन सबसे सरल सरंचना वाला अमीनो अम्ल है।
किसी कार्बनिक यौगिक के दर्पण प्रतिबिम्ब या प्रकाशिक समावयवी को Enantiomers कहते है।। इनके आधार पर अणुओं को D (Dextrorotatory) और एल (Laevorotatory) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।। स्वाभाविक रूप से सभी अमीनो अम्ल L (Laevorotatory) रूप में होते हैं।
D-अमीनो अम्ल कुछ बैक्टीरिया की कोशिका भित्ति में पाया जाता हैं। जैसे- N-एसिटाइलमूरैमिक अम्ल (NAM) एक D- अमीनो अम्ल युक्त टेट्रापेप्टाइड है जो बैक्टीरिया की कोशिका भित्ति में पाया जाता है।
कुछ एंटीबायोटिक दवाओं जैसे ग्रामीसिडिन-एस, पॉलीमीक्सिन, एक्टिनोमाइसिन-डी और वेलिओमाइसिन में भी D- अमीनो अम्ल पाए जाते है।
एक अमीनोअम्ल का α -amino समूह दुसरे अमीनो अम्ल के α -carboxylic समूह के साथ एक -CO-NH- बंध बनाकर पेप्टाइड बंध का निर्माण करता है।
सभी अमीनोअम्ल का गलनांक 200० C या इससे अधिक होता हैं अमीनो अम्ल अध्रुवीय विलायको जैसे क्लोरोफॉर्म, बेंजीन, इथर में अघुलनशील तथा पानी और एल्कोहल में घुलनशील होते हैं। Amino acids उभयधर्मी आयन (Amphoteric) के रूप में होते है। इनको zwitter आयन कहते हैं।
ज्विटर आयन (zwitter ion) वे अणु होते है। जिनमें एक समूह पर धनात्मक आवेश तथा दुसरे अणु पर ऋणात्मक आवेश होता है। और अणु का कुल आवेश शून्य होता है।
इनका संश्लेषण हमारे शरीर में नहीं हो सकता अतः इनका भोजन में पाया जाना जरूरी है। जैसे
अर्जीनिन (Arg/ R), हिस्टिडिन (His / H), आईसोल्यूसीन (Ile / I), ल्यूसीन (Leu/ L), लाइसिन (Lis / K), मेथियोनिन (Met/ M), फिनाइलएलेलिनिन (Phe/ F), थ्रिऑनिन (Thr / T), ट्रिप्टोफैन (Trp/ W), वेलिन (Val/ V) आवश्यक अमीनो अम्ल है।
इनका संश्लेषण हमारे शरीर में हो सकता अतः इनका भोजन में पाया जाना जरूरी नहीं है।। जैसे
एलानिन(Ala / A), एस्पारजिन (Asn / N), एस्पार्टेट(Asp / D), सिस्टिन (Cys / C), ग्लूटामेट (Glu/ E), ग्लूटामिन(Gln / Q), ग्लाइसिन (Gly / G), प्रोलाइन (Pro/ p), सेरीन (Ser /S), टायरोसिन (Tyr / Y) अनावश्यक अमीनो अम्ल है।
हिस्टिडिन और आर्जिनिन शिशुओं के लिए अनिवार्य अमीनो अम्ल हैं, लेकिन स्वस्थ वयस्क के लिए अनिवार्य नहीं हैं। सिस्टीन और टाइरोसिन को अर्ध-आवश्यक अमीनो अम्ल माना जाता है।। ये शिशुओं और अस्वस्थ वयस्कों के लिए आवश्यक हैं।
ग्लूटामिक अम्ल और एस्पार्टीक अम्ल अम्लीय अमीनो अम्ल है क्योंकि इनमें एक अतिरिक्त कार्बोक्सिलिक समूह (-COOH) होता है।
लाइसिन और आर्जीनिन क्षारकीय अमीनो अम्ल है क्योंकि इनमें एक अतिरिक्त अमीनोसमूह (-NH2) होता है। हिस्टोन क्षारकीय प्रोटीन है। जिसमे लाइसिन और आर्जीनिन अधिक मात्रा में पाये जाते हैं
ग्लाइसीन, वैलाइन और फिनाइलऐलानिन उदासीन अमीनो अम्ल है।
सेरीन और थ्रेऑनिन एल्कोहालिक अमीनो अम्ल है। इनमे –OH समूह पाया जाता है।
ट्रिप्टोफैन, टायरोसीन, फिनाइलऐलानिन एरोमेटिक अमीनो अम्ल है।
एरोमेटिक अमीनो अम्ल UV-किरणों को अवशोषित करते हैं। 280nm तरंग दैर्ध्य पर टायरोसिन अवशोषण करता है।
टायरोसिन त्वचा वर्णक मेलेनिन और दो हार्मोन एड्रेनेलीन और थाइरोक्सीन में पाया जाता है।
ट्रिप्टोफैन और हिस्टिडीन विषमचक्रीय अमीनो अम्ल है।
ट्रिप्टोफैन में इंडोल वलय होती है। ट्रिप्टोफैन पादप हार्मोन इन्डोल 3-एसिटिक अम्ल (IAA) और निकोटीनेमाइड (एक विटामिन) का पुर्ववर्ति होता है।
हिस्टीडीन बफर सक्रिय होता हैं केवल हिस्टीडीन ऐसा अमीनोअम्ल है। जिसमें आयनित अतिरिक्त श्रंखला होती है। इसके pKa का मान 6.1 होता है।
प्लाज्मा प्रोटीन और हीमोग्लोबिन की बफरिंग क्षमता मुख्य रूप से हिस्टीडीन के कारण होती है।
हिस्टीडीन एंजाइमों के सक्रिय स्थल में अधिक मात्रा में उपस्थिति होता है। हिस्टिडिन में इमिडेजोल समूह होता है।
हिस्टिडिन अधिकांश जन्तुओं और पौधों के अंतःकोशिकीय और बाह्य कोशिकीय तरल पदार्थ में पाए जाते है।
अमीनो अम्ल सामान्य परिचय एवं संरचना
सिस्टीन, मेथियोनीन की अतिरिक्त श्रंखला में सल्फ़र (S) पाया जाता है।
एस्पारजिन, ग्लुटामाइन की अतिरिक्त श्रंखला में एमाइड समूह (-CONH2) पाया जाता है।
मानव प्रोटीन में अतिरिक्त अमीनो अम्ल मौजूद होता है।
इसमें सिस्टीन अमीनो अम्ल में सल्फ़र के स्थान पर सेलेनियम (Se) पाया जाता है।
4- हाइड्रोक्सीप्रोलिन यह प्रोलिन का व्युत्पन्न (derivative) होता है।
5-हाइड्रोक्सीलाइसिन यह लाइसिन का व्युत्पन्न होता है।
ये दोनों संयोजी ऊतको (connective tissue) की तंतुमय प्रोटीन कोलेजन में पाये जात्ते है।
6- N मेथिलिसाइन (6-N-Methyllysine) मांसपेशियों की संकुचनशील प्रोटीन (contractile protein) मायोसिन में पाया जाता है।
गामा-कार्बोक्सीग्लूटामेट (γ-carboxyglutamate) रक्त स्कंदककारी प्रोटीन (Blood clotting protein) प्रोथ्रॉम्बिन में पाया जाता है।
डेस्मोसाइन (Desmosine) इलास्टिन (elastin) प्रोटीन में पाया जाता है। जिसमें चार लाइसिन होते है।
ये अमीनो अम्ल प्रोटीन के निर्माण में भाग नहीं लेते जैसे ऑर्निथिन (Ornithine) और सिट्रूलाइन (citrulline) ये दोनों यूरिया चक्र (urea cycle) के दौरान आर्जिनिन के जैवसंश्लेषण (biosynthesis) में मध्यवर्ती (intermediates) होते हैं।
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ग्लूटाथियोन (Glutathione, GSH)
यह सभी सजीवो में पाया जाने वाला एंटीओक्सीडेंट है जो ग्लूटामिक अम्ल, ग्लाइसीन और सिस्टीन से मिलकर बना होता है।
ग्लूटाथियोन ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रियाओ में एक सह-एंजाइम (co-enzyme) होता है।
यह कोशिकाओं की ऑक्सीडेटिव क्षति को रोकने में महत्वपूर्ण है।
तंत्रिका प्रेषक रसायन वे रसायन होते है। जो एक न्युरोन से दुसरे न्यूरोन में विद्युत आवेग (electric signal) का संचरण करते है। जैसे-
गाबा (गामा अमीनो ब्यूट्रिक अम्ल)– यह ग्लूटामिक अम्ल का एक व्युत्पन्न है।
डॉपामिन – टाइरोसीन का व्युत्पन्न है।
आइसोइलेक्ट्रिक बिंदु वह pH है। जिस पर एक अमीनो अम्ल का का कुल आवेश शून्य होता है। इसे pI से दर्शाते है। इसे निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात क्र सकते है –
pI = 1/2 (PK1 + pk2)
हिस्टामीन-
यह हिस्टिडीन का व्युत्पन्न है। जो एलर्जी प्रतिक्रिया के लिए उतरदायी होता है।
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