Originally posted 2018-08-26 16:34:50.
इस लेख में कार्बोहाइड्रेट एवं इसके प्रकार (Carbohydrates and types of carbohydratyes) के बारे में जानेगे।
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates)
यह शरीर के लिए प्रमुख ऊर्जा स्रोत हैं। ये C, H, O से बने कार्बनिक पदार्थ है। इनको पॉली हाइड्रोक्सी एल्डिहाइड या किटोन जाता है। जो हाइड्रोलिसिस यानि जल-अपघटन होने पर या तो एल्डिहाइड या किटोन उत्पन्न करते हैं।
जो कार्बोहाइड्रेट स्वाद में मीठे होते हैं उन्हें सामूहिक रूप से शर्करा या सेकेराइड (saccharides) कहा जाता है।
कार्बोहाइड्रेट के प्रकार (Types of Carbohydratyes)
कार्बोहाइड्रेट को निम्न तीन भागों में विभक्त किया गया है। –
- मोनोसेकेराइड (Monosaccharides)
- डाईसेकेराइड (Disaccharides)
- पॉलीसेकेराइड (Polysaccharides)
मोनोसेकेराइड (Monosaccharides)
ये सेकेराइड की एकलक इकाई (monomer unit) से मिलकर बने होते है। इनका जल-अपघटन नहीं किया जा सकता ये रंगहीन, जल में घुलनशील (water soluble), क्रिस्टलीय होते है। इनका सामान्य सूत्र CnH2nOn या (CH20)n होता है। इनके नामकरण के लिए ओज(ose) अनुलग्न (Suffix) लगाते है। जैसे –
कार्बन संख्या | नाम | एल्डोज (Aldose) | किटोज(Ketose) | रासायनिक सूत्र |
3 | ट्रायोज (triose) | ग्लिसरेलडिहाइड | डाईहाइड्रोओक्सीएसीटोन | C3H6O3 |
4 | टेट्रोज (tetrose) | इरिथ्रोज
थ्रेओज |
इरिथ्रुलोज | C4H8O4 |
5 | पेंटोज (pentose) | राईबोज
एराबिनोज
जाइलोज लाइसोज |
राईबुलोज
जाइलूलोज |
C5H10O5 |
6 | हेक्सोज (hexose) | ग्लूकोज
मेनोज ग्लेक्टोज |
फ्रुक्टोज | C6H12O6 |
7 | हेप्टोज (heptose) | सिड़ोहेप्टूलोज | C7H14O7 |
एल्डोज (Aldose)
एक एल्डिहाइड समूह युक्त सरल शर्करा को एल्डोज कहा जाता है।
image source – lehninger biochemistry
किटोज (Ketose)
किटो समूह वाली सरल शर्करा को किटोज कहा जाता है।
image source – lehninger biochemistry
शर्करा के D तथा L रूप पाये जाते है। सामान्तया सभी शर्करा D रूप में ही पायी जाती है।
संरचनात्मक समावयवी (Structural Isomers)
ऐसे कार्बनिक यौगिक इनका रासायनिक सूत्र समान लेकिन संरचनात्मक अलग-अलग होती है। संरचनात्मक समावयवी कहलाते है। जैसे –
ऊपर की सारणी में ग्लिसरेलडिहाइड (एल्डोज) और डाईहाइड्रोओक्सीएसीटोन (किटोज) में एक ही रासायनिक सूत्र C3H6O3 है। लेकिन संरचना में ये भिन्न होती है। अतः ये संरचनात्मक आइसोमर हैं।
एपिमर (Apimer)
यदि दो मोनोसेकेराइड समावयवी एक विशिष्ट कार्बन परमाणु के संरचनात्मक विन्यास में भिन्न होते हैं तो उन्हें एक दूसरे के एपिमर के रूप में परिभाषित किया जाता है। जैसे
D-गैलेक्टोज और D-ग्लूकोज में केवल 4th कार्बन में विन्यास में विभिन्नता होती अतः ये दोनों एक दूसरे के एपिमर है।
कुछ सामान्य मोनोसेकेराइड
ग्लूकोज (Glucose)
यह जंतुओं में पाए जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण कार्बोहाइड्रेट है। इसको Grape sugar, Blood sugar या Dextrose sugar भी कहा जाता है।
फ्रुक्टोज (Fructose)
यह शहद तथा मीठे फलों में पायी जाती है। इसलिए इसको
यह अंडे के एल्ब्यूमिन तथा हेमीसेल्युलोज का घटक है। यह
यह Gum arabic में पायी जाती है। कार्बोहाइड्रेट एवं इसके प्रकार (Carbohydrates and types of carbohydratyes) कार्बोहाइड्रेट एवं इसके प्रकार (Carbohydrates and types of carbohydratyes) सभी मोनोसेकेराइड के एल्डिहाइड (-CHO) या किटोन (-C=O) समूह क्युप्रिक (Cu2+) को क्युप्रस (Cu+) में अपचयित करते है। इसलिए इनको अपचायक शर्करा (Reducing Sugar) कहते है। इसी आधार पर शर्करा का फेहलिंग और बेनेडिक्ट का परीक्षण किया जाता है। इन परीक्षण के द्वारा मूत्र (urine) में शर्करा की उपस्थिति का पता लगाते है। कुछ मोनोसेकेराइड (Monosaccharides) वलय के रूप में पायी जाती है। छः सदस्य वाली वलय पाइरिनोज (Pyranose) तथा पाँच सदस्य वाली वलय फ्यूरेनोज (Furanose) कहलाती है। दो मोनोसेकेराइड (Monosaccharides) इकाईयां जल के एक अणु का निष्कासन करके O- ग्लाइकोसिडिक बंध द्वारा जुड़कर डाईसेकेराइड (Disaccharides) का निर्माण करती है। इनका जल-अपघटन (Hydrolysis) हो सकता है। यह दो ग्लूकोज इकाईयां के जुड़ने से बनती है। इसे माल्ट शर्करा भी कहते है। यह स्टार्च के पाचन से बनती है। α D-glucose + α D- glucose -> Maltose (α 1’-4’ linkage) यह ग्लूकोज तथा फ्रुक्टोज इकाईयां के जुड़ने से बनती है। इसे गन्ना शर्करा, टेबल शर्करा, प्रतीप शर्करा, चुकंदर शर्करा, रसोईघर की शर्करा या व्यापारिक शर्करा भी कहते है। α D-glucose + β D-fructose -> Sucrose (α 1’- β 2’ linkage ) इसे दूध शर्करा भी कहते है। यह ग्लूकोज तथा गैलेक्टोज इकाईयां के जुड़ने से बनती है। β D-glucose + β D-galactose -> Lactose (β 1’-4’ linkage) यह ग्लूकोज इकाईयां के जुड़ने से बनती है। लेकिन इनमें α 1’-1’ जुडाव होता है। यह कीटों (insect) के हिमोलिम्फ (रुधिर) में पायी जाती है। α D-glucose + α D-glucose -> Trahalose (α 1’-1’ linkage) नोट – कुछ कार्बोहाइड्रेट में दो से ज्यादा (10 से कम) भी मोनोसेकेराइड इकाईयां होती है। इनको ओलिगोसेकेराइड (oligosaccharides) कहते है। जैसे- Raffinose – Galactose + Glucose + Fructose (Trisaccharides) ये दोनों फ्लोएम में कार्बोहाइड्रेट के स्थानान्तरण (Transport) में काम आती है। Barbascose – Galactose + Galactose + Glucose + Glucose + Fructose (Pentasaccharides) कार्बोहाइड्रेट एवं इसके प्रकार (Carbohydrates and types of carbohydratyes) कार्बोहाइड्रेट एवं इसके प्रकार (Carbohydrates and types of carbohydratyes) लगभग 10 से अधिक मोनो सेकेराइड इकाईयां जुड़कर जटिल कार्बोहाइड्रेट पॉलीसेकेराइड (Polysaccharides) बनाती हैं। इनको सामान्यतया ग्लाइकेन (Glycans) भी कहा जाता है। इनका जल-अपघटन हो सकता है। ये जल में अघुलनशील (water insoluble) होती है। ये मीठी नहीं होती। ये एक समान मोनो सेकेराइड इकाईयां जुड़कर बने होते है। जैसे- यह α D-glucose इकाईयों का बहुलक है। इसमें α 1’-4’ linkage होता है। इसमें दो प्रकार की श्रृंखला होती है – Amylose इसमें 250-300 ग्लूकोज इकाईयां α 1’-4’ linkage से जुडी रहती है। यह अशाखित श्रृंखला है। यह श्रृंखला आयोडीन के साथ नीला रंग देती है। Amylopectin इसमें 30 ग्लूकोज इकाईयां α 1’-4’ तथा α 1’-6’ linkage से जुडी रहती है। यह शाखित श्रृंखला है। यह श्रृंखला आयोडीन के साथ लाल रंग देती है। पादपों में भोजन का संचय स्टार्च के रूप में ही होता है। इसमें Amylopectin तरह α D-glucose इकाईयां α 1’-4’ linkage से जुडी रहती है। तथा तथा α 1’-6’ linkage से शाखाये निकलती है। यह भी आयोडीन के साथ लाल रंग देता है। जंतुओं तथा कवकों में भोजन का संचय ग्लाइकोजन के रूप में ही होता है। यह β D-glucose इकाईयों का अशाखित बहुलक है। इसमें β 1’-4’ linkage होता है। यह पृथ्वी पर सर्वाधिक पाया जाने वाला कार्बनिक पदार्थ है। पादपों की में सेल्यूलोज को आपस में बांधता है। इसको पादप सीमेंट (Plant cement)भी कहते है। यह Mannose, galactose, arabinose, xylulose का बहुलक है। जो कोशिका भित्ति में पाया जाता है। यह D-glucuronic acid तथा N-acetylglucosamine का बहुलक है। जो एकान्तर क्रम में जुड़े रहते है। यह उपास्थि (cartilage),कंडरा (tendon), स्नायु (ligaments) तथा महाधमनी की भित्ति (wall of aorta) का प्रमुख घटक है। यह रक्त में उपस्थित प्रतिस्कन्द (Anticonjugant) पदार्थ है। यदि आपको कार्बोहाइड्रेट एवं इसके प्रकार (Carbohydrates and types of carbohydratyes) लेख पसंद आया हो और आप चाहते है की हम ऐसे ओर भी पोस्ट हिंदी में डाले तो आप इस पोस्ट को अपने facebook पर share करना ना भूले। आपका एक share हमारे लिए तथा अन्य विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। Buy new mobile phone visit
Disaccharides
मेनोज (Mannose)
राईबोज (Ribose)
एराबिनोज (Arabinose)
अपचायक शर्करा (Reducing Sugar)
डाईसेकेराइड (Disaccharides)
माल्टोज (Maltose)
सुक्रोज (Sucrose)
लैक्टोज (Lactose)
ट्रेहेलोज (Trehalose)
Stachyose – Galactose + Galactose + Glucose + Fructose (Tetrasaccharides)पॉलीसेकेराइड (Polysaccharides)
पॉलीसेकेराइड (Polysaccharides) संरचनात्मक रूप से दो प्रकार के होते हैं –
• होमोपॉलीसेकेराइड (Polysaccharides)
• हेटरोपॉलीसेकेराइड (Polysaccharides)होमोपॉलीसेकेराइड (Polysaccharides)
स्टार्च
ग्लाइकोजन (Glycogens)
सेलूलोज़ (Cellulose)
हेमीसेलूलोज़ (Hemicellulose)
हाइलूरोनिक अम्ल (Hyaluronic Acid)
यह काचाभ तरल (aqueous humor), नाभि रज्जू (Umbilical cord), तथा संधियों (Joints) में स्नेहक (Lubricant) का काम करता है। इसे जंतु सीमेंट (Animal cement) भी कहते है।कोंड्रीयोटिन सल्फेट (Condriotin sulfate)
हेपेरिन (Heparin)